Pregnancy week by week

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                  Pregnancy week by week

दोस्तों एक pregnancy 3 trimester और 40 हफ्तों में complete होता  है। एक unborn baby गर्भ में लगभग 38 सप्ताह बीताता है और लगभग 2 सप्ताह का समय गर्भधारण करने में लग जाता है। इसलिए इस पूरे समय को 40 सप्ताह तक गिना जाता है।

दोस्तों pregnancy period की counting , female की अंतिम परियड्स के पहले दिन से होती हैconception  की तारीख से नहीं, जो आमतौर पर दो सप्ताह बाद होती है।

दोस्तों पूरे pregnancy period  को तीन trimesters में विभाजित किया गया है:

पहली तिमाही यानि की (first trimester)- जो की 1 से 12 सप्ताह तक की होती है।

Second trimester 12 से 24 सप्ताह तक होती है। और third trimester 24 से 40 सप्ताह तक होती है।

दोस्तों प्रेग्नेंसी तब शुरू होती है, जब  female का egg Male के स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज्ड हो जाता है। उसके बाद ये uterus में जाकर implant होता है और एक embryo के रूप में विकसित होता है।

 

तो दोस्तों आज के विडियो मे हम ये देखेंगे की कैसे आपका baby एक छोटे से cell से एक fully grown baby मे develop होता है। साथ ही मे ये भी जानेंगे की कि प्रेग्नेंसी के दौरान हर हफ्ते आपके शरीर और आपके baby में क्या बदलाव होते हैं। तो चलिये दोस्तों शुरू करते हैं इस विडियो को।

1 सप्ताह (1st week)  

दोस्तों पहला सप्ताह वास्तव में आपके पीरियड्स का होता है। आपके अंतिम पीरियड्स के पहले दिन से ही आपके pregnancy पीरियड को count किया जाता है।

2 सप्ताह (2nd Week)

Pregnancy के दूसरे week मे एक स्पर्म द्वारा एक egg को fertilize किया जाता है और zygote का formation होता है।  

3 सप्ताह (3rd week)

दोस्तों pregnancy के तीसरे week मे zygote का विकाश होता है और सात दिन बाद, Embryo uterus यानि गर्भासय के एंडोमेट्रियम में पूरी तरह से बैठ जाता है। अब इसे एक ब्लास्टोसिस्ट के रूप में जाना जाता है।

4 सप्ताह (4th week)

चौथे सप्ताह में यह developing embryo चावल के एक दाने से भी अधिक पतला होता हैplacenta का बनना सुरू हो जाता है। यह placenta आपके baby तक जरूरी ऑक्सिजन और पोषक तत्व पहुंचाएगी।   

लगभग इस समय या फिर आपकी period की तारीख के समय पर आपको हल्का bleeding या स्पॉटिंग भी हो सकती है। इसे ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग कहा जाता है।

5 सप्ताह (5th week)

इस हफ्ते आपके baby का embryo एक संतरे के बीज के आकार का या नाखून के सिरे जितना बड़ा होता है और उसे अल्ट्रासाउंड में ही देखा जा सकता है। इस हफ्ते मे  brain और spinal cord बनती रहती है।  

जब तक आप 5 हफ्तों की गर्भवती होती हैं, तब तक आपको काफी हद तक पता चल सकता है कि आपके शरीर में कुछ चल रहा है। आपको मतली का एहसास भी हो सकता है गंध को लेकर आपका बोध ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं आपके स्तन अधिक भारी और सामान्य की तुलना में अधिक संवेदनशील लग सकते हैं।

6 सप्ताह (6th week)

6 हफ्ते के समय तक शिशु का औसत आकार 5-6 मिलिमीटर का होता है। इसका सिर अभी भी बाकी शरीर की तुलना में अधिक बड़ा होता है, पर नन्हें ढांचे दिखाई पड़ने लगते हैं, जिनसे उनके चेहरे और जबड़े का निर्माण होता है।

अब आपको अधिक मतली हो सकती है, गंधों के प्रति अधिक संवेदनशीलता, अधिक थकावट और ऊर्जाहीनता का अनुभव हो सकता है।आपके स्तन और निपल्स और भी अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

7 सप्ताह (7th week)

आपके गर्भस्थ शिशु की लंबाई अब लगभग 10 मि.मी.है।आपके शिशु का आकार भुट्टे के दाने जैसा होता है। उसकी बाजुएं अब लंबी हो रही हैं और कंधे, ऊपरी बाजू, अग्रबाजू और हाथ अलग से दिखने लगे हैं।  दिल धड़कने लगता है। भ्रूण ने अपनी नाल और एमनियोटिक थैली विकसित कर ली होती है। नाल के जरिए मां के ब्लड से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों तक पहुंचने के लिए गर्भाशय की दीवार तैयार रहती हैं।

इस हफ्ते आपको कब्ज की शिकायत शुरु हो सकती है।दिन भर, मितली, कुछ खाद्य पदार्थों को लेकर असहनशीलता, उल्टी और सीने में जलन जैसी समस्याएँ भी अनुभव हो सकती हैं।

8 सप्ताह (8th week)

इस हफ्ते आपका शिशु लगभग 1.6  centimeter लंबा और लगभग एक राजमा के माप का होता है।आपके शिशु की हड्डियाँ बनने लगती हैं इस हफ्ते आपके शिशु की नाक के अंत पर एक टिप का विकास होता है। इसकी हाथों की अंगुलियों, पैर की अंगुलियों और होंठ, पलकों और पैरों का आकार अधिक स्पष्ट हो जाता है।

इस हफ्ते आपको अपने पेल्विस के हिस्से में भारीपन या भरे होने का अधिक अनुभव हो सकता है। इस हफ्ते आपको अधिक थकावट हो सकती है और आपको लेटने और अधिक आराम लेने की इच्छा हो सकती है। गर्भ के 8वें हफ्ते के बाद से आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द का एहसास हो सकता है।

9 सप्ताह (9th week)

इस सप्ताह आपका शिशु विकास के फीटल स्टेज में प्रवेश करेगा, जो कि उसके जन्म तक जारी रहेगा। इस सप्ताह के अंत तक वह करीब 0.9 इंच लंबा हो गया होगा और उसका वजन लगभग 2ग्राम होगा, आंख, मुंह और जीभ बन जाते हैं।शिशु के गुप्तांग अब बनना शुरु हो गए हैं।

आपको जब-तब मरोड़ या पेट के निचले हिस्से मे दर्द का एहसास हो सकता है।

10 सप्ताह  (10th week)

10वें सप्ताह में आपका शिशु अब करीब हरे जैतून के जितना हो गया है। सिर से नितंब तक उसका माप 1.2 इंच होगा और वजन लगभग 4 ग्राम होगा। शारीरिक अंगों का निर्माण होता रहता है। हाथ और पैर, जो पहले निब या पैडल की तरह दिखते थे, अब उंगलियां और पैर की उंगलियों के रूप में विकसित होने लगते हैं। मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और काम करने की स्थिति में आ जाता है।

हो सकता है आपको चक्कर महसूस हो रहे हों, गर्भावस्था की पहली तिमाही में ये सामान्य है।

11 सप्ताह (11th week)

इस हफ्ते आपके शिशु का माप अब 4.1 सेंमी. (1.6 इंच) हो गया है. उसकी नसें और धमनियां विकसित हो रही हैं, आपके शिशु का मुंह लगभग पूरा तैयार हो गया है।

आपके शरीर का वजन अब थोड़ा-थोड़ा बढ़ने लगेगा।

 

12 सप्ताह  (12th week)

 

आपका शिशु क्राउन टू रंप अब करीब 2.1 इंच लंबा हो गया है। वह अब करीब एक छोटे नींबू जितना है और उसका वजन 14 ग्राम तक है। इस हफ्ते आपके शिशु की Bone marrow अपने खुद की WBC का निर्माण शुरु करने वाली है। आपके शिशु का प्लेसेंटा अब ऑक्सीजन और पोषक तत्त्वों की फ़िल्टरिंग कर अपने सभी अहम काम कर रहा होता है, जिससे शिशु को बढ़ने में मदद मिलती है।

आप अपनी नाभि से लेकर अपने प्यूबिक क्षेत्र के सबसे ऊपर तक एक काली खड़ी रेखा शुरु होती देख सकती हैं। यह हॉर्मोन के प्रभाव के कारण बनती है और शिशु के जन्म के बाद गायब हो जाती है।

13 सप्ताह  (13th week)

आपका शिशु अब करीब 2.9 इंच लंबा हो गया है। उसका वजन करीब 23 ग्राम के लगभग होगा। उसकी उंगलियों में अलग-अलग छोटी फिंगरप्रिंट बनने लगी हैं

इस सप्ताह के अंत में मिचली और संवेदनशील स्तनों से अब आपको थोड़ा आराम मिलना शुरु हो जाएगा।

14 सप्ताह (14th week)

अब आपका शिशु करीब 3.4 इंच लंबा हो गया है और उसका वजन करीब 43 ग्राम है। पलकें पूरी तरह से विकसित आंखों पर आने लगती हैं। आपके शिशु की आँखें अब पूरी तरह से बन चुकी होती हैं, पर यह अभी  यह काफी नाज़ुक और संवेदनशील होती हैं। और उसके सिर की त्वचा पर बाल उगने शुरु हो जाते हैं।

आपका पेट फूला हुआ अनुभव हो सकता है और यह अन्य दिनों की तुलना में अधिक निकला हुआ दिख सकता है।

15 (15th week)

आपका शिशु क्राउन टू रंप तक अब करीब 4 इंच लंबा हो गया है और उसका वजन लगभग 70 ग्राम है। वह अब तकरीबन एक सेब जितना बड़ा हो गया है। आपके शिशु की आंखें अभी भी बंद ही हैं, मगर अब वे रोशनी के प्रति संवेदनशील हो रही हैं। शिशु की सुनने की क्षमता भी विकसित हो रही है।

Vein के congestion के कारण नाक से खून बह सकता है, और नाक बंद होने के कारण सांस लेते समय आवाज़ आ सकती है। आपके स्तन का आकार बड़ा हो जाता है और ये भारी हो जाते हैं

 

16 सप्ताह 

आपका शिशु क्राउन टू रंप तक अब करीब 4.6 इंच लंबा हो गया है, करीब एक नाशपति के जितना। उसका वजन लगभग 100 ग्राम पहुंच गया है। आपके शिशु की गर्दन की मांसपेशियां और पीठ की हड्डियां अब मजबूत हो रही है, आपके शिशु की श्वसन प्रणाली अब पूरी तरह कार्य कर रही है। उसका दिल करीब 28 लीटर खून हर रोज उसके नन्हें शरीर में पहुंचा रहा है।

इस हफ्ते यह स्पष्ट हो जाता है कि आप गर्भवती हैं, वेजाइनल डिस्चार्ज में वृद्धि होना आम बात है,

17 सप्ताह

आपका शिशु अब सिर से नितंब तक तकरीबन 5.1 इंच लंबा हो गया है। उसका वजन लगभग 140 ग्राम हो गया है। उसकी उंगलियों की fingerprint अब पूरी तरह बन चुकी हैं और उसके सुनने की क्षमता भी हर रोज बेहतर हो रही है।अब शिशु के लिंग का निर्धारण किया जा सकता है।

आपके पेट के ठीक बीच से नीचे की तरफ जाती हुई एक गहरी रेखा उभर रही होगी। इसे लिनिया नाइग्रा कहा जाता है। आपके शरीर में अतिरिक्त रक्त आपूर्ति होने से इस हफ्ते मुंह पर लाली आना आम बात है। 

18 सप्ताह (18 th week)

आपका शिशु क्राउन टू रंप तक लगभग 5.6 इंच लंबा हो गया है, उसका वजन लगभग 190 ग्राम तक हो गया है। उसके कान अब अपनी अंतिम स्थान पर विकसित हो गए हैं और सिर से अलग दिखाई देते हैं। उसकी नन्हीं भौंहें भी अब उभरने लगी हैं और अब वह अपनी बंद आंखों के आसपास की मांसपेशियों में हरकत कर सकता है।

18-20 सप्ताह के बीच आपका लेवल II अल्ट्रासाउंड स्कैन, जिसे एनॉमली स्कैन भी कहा जाता है, करवाया जाएगा।

19 सप्ताह (19th week)

आपका शिशु क्राउन टू रंप तक लगभग 6 इंच लंबा हो गया है और उसका वजन करीब 240 ग्राम हो गया है। उसकी सिर की त्वचा में पतले बाल भी अब उगने लगे हैं। आपके शिशु के kidney अच्छी तरह से काम कर रहे होते हैं और urine का निर्माण करने लगते हैं।

आपको शक्ति में कमी महसूस हो सकती है और आपकी सांसें फूल सकती हैं। साथ ही आपके पेट के निचले हिस्से मे दर्द हो सकता है।

20 सप्ताह (20nd week)

इस सप्ताह आपके शिशु का माप करीब 10 इंच हो गया है, लगभग एक केले के जितना लंबा। उसका वजन करीब 300 ग्राम है। अब तक शिशु के बाहरी कान बन चुके होते हैं। और वर्निक्स कैसिओसा नामक चिकने और वसायुक्त तत्व की सफेद परत आपके शिशु को ढकने लगी होगी। यह मॉइस्चराइजर और चिकनाई के तौर पर काम करता है.

आपके पेट के बढ़ते हुए आकार के साथ, आपके शरीर का गुरुत्वकेंद्र बदलता रहता है जिसके कारण आप थोड़ा अलग तरीके से चल सकती हैं।

 

21 सप्ताह (21 week)

अब आपके शिशु का वजन करीब 360 ग्राम और लंबाई तकरीबन 10.5 इंच हो गई है। उसकी भौहें अब घनी हो रही हैं, उसके होंठ अधिक स्पष्ट दिख रहे हैं और उसकी आंखें भी बंद पलकों के भीतर तेजी से इधर-उधर घूम रही हैं।

आपके शरीर में एस्ट्रोजन के उच्च स्तर के कारण, आपके हाथ और पैर अजीब से दिखाई पड़ सकते हैं।21वें हफ्ते में, आपकी नाभि सपाट दिख सकती है, पर आने वाले हफ्तों में शिशु की वृद्धि के कारण यह बाहर की ओर उभर सकती है।

22 सप्ताह (22 week)

Baby का वजन तकरीबन 430 ग्राम और सिर से एड़ी तक का माप लगभग 10.9 इंच हो गया है। शिशु के पाचन तंत्र का एक चिपचिपा उप-उत्पाद, जिसे मिकोनियम कहते हैं, उसकी आंतों में इकट्ठा होना शुरु हो जाता है। जब आपके शिशु का जन्म होता है, तो मिकोनियम ही उसका पहला मल होगा। आपका शिशु अपना वक्त, अपना अंगूठा चूसने, गर्भ-नाल को पकड़ने, हिचकी लेने और समझने की क्रिया का अभ्यास करने में बिताता है।शिशु के लिंग के अनुसार जननांगों का विकास हो जाता है।

23 सप्ताह (23 week )

अब आपके शिशु का वजन करीब 500 ग्राम से थोड़ा ज्यादा हो गया है। उसकी लंबाई भी अब सिर से एड़ी तक लगभग 28.9 से.मी. हो गई है आपका शिशु अब अपनी सभी पेशियों को हिला-डुला सकता है और आपको महसूस होगा कि शिशु की हरकतें अब मज़बूत हो गई हैं।

यदि आप कब्ज से परेशान हैं या फिर सुस्त सा महसूस करती हैं, तो ऐसा गर्भावस्था के हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन की वजह से हो सकता है।

24 week

आपके शिशु का वजन अब 600 ग्राम तक हो गया है सिर से एड़ी तक उसका माप अब11.8 इंच है, जो कि करीब-करीब एक भुट्टे के बराबर है। उसके सोने और जगने की आदतें अब अधिक स्पष्ट होती जा रहा है, आपके शिशु का मस्तिष्क तेजी से विकसित हो रहा है।

आप शायद अपने पेट, कूल्हों और स्तनों पर हल्की लाल रेखाएं पाएं। इन्हें स्ट्रेई या स्ट्रेच मार्क्स यानि खिंचाव के निशान कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने और पेट बड़ा होने की वजह से त्वचा में खिंचाव होता है, जिस कारण स्ट्रेच मार्क्स होते हैं।

 

25 week

आपके शिशु का वजन अब करीब 660 ग्राम हो गया है, सिर से एड़ी तक उसका माप अब 13.6 इंच है। शिशु के सिर की त्वचा में बालों का उगना जारी रहेगा। शिशु के सिर की त्वचा में बालों का उगना जारी रहेगा।

हो सकता है आपको अपनी पीठ, टांगों, सिर सब जगह दर्द महसूस हो रहा हो! हॉर्मोन वृद्धि और अतिरिक्त वजन बढ़ने से आपको पूरे शरीर में दर्द हो सकता है। अब आपको अक्सर आराम करने की जरुरत महसूस होती होगी।

26 week

सिर से एड़ी तक आपके शिशु का माप अब 14 इंच से ज्यादा हो गया है, वजन भी करीब 760 ग्राम पहुंच गया है। आपके शिशु का मस्तिष्क अब अधिक विकसित है। वह अब और अधिक स्पष्ट तौर पर सुन सकता है, आपके शिशु की स्वाद कलिकाएं अब पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं।

इस समय के आसपास, आप अपने ब्लड प्रेशर में थोड़ी बढ़त देख सकती है, जो कि सामान्य है।आपके शरीर में रक्त की मात्रा में लगभग 25% की वृद्धि हो जाती है

27 week

आपके शिशु का वजन अब,लगभग 875 ग्राम हो गया है, और उसका माप अब सिर से एड़ी 14.4 इंच से भी ज्यादा हो गया है। आपका baby पहली बार वह अपनी आंखें खोलता है! आपका शिशु अब नियमित चरण में सोता और जागता है।

आपके पेट पर खुजली का एहसास, आपकी त्वचा के मध्य स्तर में कोलैजन फ़ाइबर्स के फ़ैलाव के कारण पैदा होता है।

28 week

अब आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पहुंच गई हैं! गर्भ में आपके शिशु का वजन भी अब एक किलोग्राम से थोड़ा ज्यादा ही है। और उसकी लंबाई तकरीबन14.8 इंच है। उसकी ह्दय अब 140 धड़कन प्रति मिनट की दर से धड़क रहा है। आपके शिशु की अब नाजुक पलकें आ गई हैं, और उसकी आंखें अब आंसू पैदा कर सकती हैं।

आपके पेट, स्तनों, नितम्बों और जांघों पर अब स्ट्रेच मार्क दिखाई पड़ सकते हैं। अब आपको पहले से बहुत ज्यादा भूख लगती है

29 week

आपके baby का वजन अब 1.1 किलोग्राम से भी थोड़ा ज्यादा हो गया है और वह सिर से एड़ी तक करीब 15.2 इंच तक लंबा हो गया है। उसका मस्तिष्क, जो एक समय पर सपाट था, उसमें अब नई सिलवटें और लकीरें बन रही हैं, क्योंकि यह अब और जटिल व परिष्कृत होता जा रहा है।

तीसरा ट्राइमेस्टर एक ऐसा समय है, जब कई महिलाओं को उनके शरीर के तापमान में एक वास्तविक बदलाव नज़र आने लगता है। आपको काफी गर्मी लगने का अनुभव हो सकता है

30 week

आपके शिशु का माप सिर से एड़ी तक अब 15.7 इंच से थोड़ा ज्यादा हो गया है, और वजन करीब अब 1.3 किलोग्राम हो गया है।आपके शिशु के मस्तिष्क का विकास हो चुका होता है और उसका नर्वस सिस्टम लगभग परिपक्व हो जाता है।

इस महीने शायद आपका काफी वजन बढ़ गया होगा। गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में हर सप्ताह 450 ग्राम वजन वृद्धि सामान्य मानी जाती है।

31 week

अब आपके शिशु का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम हो गया है।और लंबाई सिर से एड़ी तक करीब 16.2 इंच हो गई है। 31 हफ्तों में आपके शिशु की पाँचों इंद्रियाँ पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं.

शिशु के जन्म से पहले अंतिम कुछ सप्ताहों में आप सांस की कमी महसूस कर सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपका गर्भाशय इतना बड़ा हो गया है कि यह आपके डायाफ्राम पर दबाव डालने लगता है।

32 week

आपके शिशु का वजन अब करीब 1.7 किलोग्राम हो गया है। सिर से एड़ी तक उसकी लंबाई लगभग16.7 इंच हो गई है। आपके शिशु के हाथों और पैरों की उंगलियों के नाखून अब पूरी तरह विकसित हो गए हैं।आपके शिशु के बाल भी घने हो रहे हैं, हालांकि जन्म के बाद ये झड़ सकते हैं।

आपके पेट की माप अब गर्भाशय के शीर्ष से लेकर पेल्विक बोन तक लगभग 30 से 34 centimeters तक होनी चाहिए।

33 week

आपके बच्चे का वजन अब एक अनानास के समान यानि तकरीबन 1.9 किलोग्राम हो गया है। सिर से एड़ी तक उसका माप भी अब करीब 17.2 इंच पहुंच गया है। उसका मस्तिष्क और तंत्रिका प्रणाली पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं और अब वह अपनी खुद की immunity विकसित करना शुरु कर रहा है।

 

मूत्र रिसाव यानी "इनकॉन्टिनेंस” उन महिलाओं में आम होता है, जो पहले गर्भवती हो चुकी होती हैं। जब आप हंसती, छींकती, खांसती या कुछ भारी चीज़ उठाती हैं, तो आपके ब्लैडर से हल्की मात्रा में urine निकाल सकता है।

34 week

इस सप्ताह आपका शिशु का वजन अब 2.1 किलोग्राम से थोड़ा ज्यादा है। उसकी लंबाई सिर से एड़ी तक करीब 17.7 इंच हो गई है। आपके शिशु के शरीर पर चर्बी चढ़ना जारी है। चर्बी की ये परतें जन्म के बाद उसे शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद करेंगी।

34वें हफ्ते में, आपका शरीर उस बड़े दिन के लिए तैयार हो रहा होता है और मरोड़ का एहसास अब पूरी तरह से सामान्य होता है। इस अवस्था में आपका पेट थोड़ा नीचे दिखाई देगा।

35 week

आपका शिशु अब लगभग 2.4 किलोग्राम और उसकी लंबाई करीबन 18.2 इंच हो गई है।जैसे-जैसे आपका शिशु गर्भ में ज्यादा जगह घेरने लगता है, उसके चारों तरफ मौजूद एमनियोटिक द्रव स्वत: घटने लगता है। हालांकि, आपकी गर्भावस्था अब जल्द ही समाप्त होने वाली है, मगर अब भी आपके शिशु को जन्म से पहले थोड़ा-बहुत विकास करना है।

यदि आपका शिशु अबतक ब्रीच पोज़िशन में है, तो संभव है कि इस हफ्ते यह सिर नीचे वाली पोज़िशन में आ जाएगा। इस हफ्ते आपके निप्पल्स से कोलोस्ट्रम का रिसाव हो सकता है।

Week 36

आपके शिशु का वजन अब करीब 2.6 किलोग्राम हो चुका है। उसकी लंबाई अब 18.7 इंच से थोड़ी ज्यादा है।शिशु के शरीर से बचे हुए रोएंदार लेनुगो बाल और वर्निक्स कैसिओसा झड़ना जारी रहते हैं। वर्निक्स कैसिओसा एक सुरक्षात्मक तत्व होता है, तो शिशु की त्वचा को ढके रखता है।

गर्भावस्था में होनी वाली असहजताएं जैसे कि सीने में जलन, गैस और टांगों में ऐंठन आदि की वजह से शायद आप अच्छी तरह सो नहीं कर पा रही होंगी।

Week 37

अब आपकी गर्भावस्था पूर्ण अवधि पर पहुंच गई है। आपके शिशु का वजन अब करीब 2.9 किलोग्राम और सिर से एड़ी तक की लंबाई करीब19.1 इंच है। आपके शिशु का पाचन तंत्र अभी विकसित हो रहा है, और जन्म के कई सालों तक यह परिपक्व होना जारी रखेगा।

गर्भावस्था के दौरान कूल्हों में दर्द होना भी आम है।आपकी पीठ में दर्द होता है, आपके पेड़ू में चरचराहट का अनुभव हो होता है।

Week 38

38 सप्ताह की गर्भावस्था में शिशु का औसत वजन करीब 3 kg और औसत लंबाई लगभग 19.6 इंच होती है। आपके शिशु का ज्यादातर समय सोने और आराम करने में बीतता है।

इस सप्ताह से, आपके गर्भाशय में एमनियोटिक द्रव की मात्रा धीरे-धीरे घटना शुरु हो जाती है। गर्भावस्था के इन अंतिम हफ्तों में आपको अपना माप काफी बड़ा लग रहा होगा।

Week 39

अब आपका शिशु अब किसी भी दिन जन्म ले सकता है! वह लगभग 3.3 kg हो गया है। उसकी लंबाई 20 इंच हो सकती है। आपके शिशु के सभी अंग अच्छी तरह विकसित हो चुके हैं। उसकी त्वचा मोटी और रंगत फीकी होती जा रही है, उसके फेफड़े अब अधिक आर्द्रक (सर्फेक्टेंट) बना रहे हैं, यह वह तत्व है जो उसके छोटे वायुकोषों को खुला रखता है और वह गर्भ के बाहर अपनी पहली सांस भरने के लिए तैयार हो सके।

आपके चहरे, आपकी पीठ और आपने निप्पल्स पर थोड़े-बहुत बाल उग सकते हैं।आपकी आंखें सूखी-सी लग सकती हैं, जैसे कि उनके अंदर रेत चली गई हो

40 week

40वें सप्‍ताह के साथ आपकी गर्भावस्‍था के नौ महीने भी खत्‍म होने वाले हैं।इस समय तक आपका बच्‍चा आपके गर्भ में अपना पूरा विकास कर चुका है। बस आपको इंतजार करना है लेबर पेन की शुरूआत का।

इस समय आपका पूर्ण विकसित बच्‍चा 19 से 22 इंच तक लंबा और 2.7 से 4 किलो तक वजनदार हो गया होगा। उसके शरीर में इस समय फैट की मात्रा सबसे अधिक है।फेफड़े पूरी तरह विकसित हैं, प्रतिरोधक क्षमता भी विकास कर रही है, आंखें खुल चुकी हैं लेकिन अभी नजर थोड़ी धुंधली है।

 

 

 

 

                                       Cell Cycle And Its Regulation

 

A cell cycle is a series of events that takes place in a cell as it grows and divides. A cell spends most of its time in what is called interphase, and during this time it grows, replicates its chromosomes, and prepares for cell division.

The two main events occurs in each cell division. The 1st is the doubling of genome in synthesis phase also called s phase and the 2nd is halving of genome during mitosis phase.

The eukaryotic cell cycle complete in two phases –the interphase and M phase.

Interphase is the preparatory phase of cell cycle which leads to doubling the genome.

The interphase is further divided into G1 or post mitotic gap phase, s phase or synthesis phase and G2 or pre-mitotic gap phase.

 

M phase which is a real phase of division is itself composed of two tightly coupled processes: karyokinesis, in which the cell's nucleus divides, and cytokinesis, in which the cell's cytoplasm divides forming two daughter cells.

The mitotic phase is divided into prophase, metaphase, anaphase and telophase. In M phase the genome becomes half.

Now let’s see in detail the different phase of cell cycle

In G1 phase the different enzymes which is needed for the DNA replication are synthesized as well as ATP and RNA molecule also synthesize for transcription and translation process.

So many thing are synthesized in G1 phase so the size of the cell increases.

In G1 phase, a cell has three options.

Either

  • To continue cell cycle and enter S phase
  • Stop cell cycle and enter G0 phase for undergoing differentiation.
  • Become arrested in G1 phase hence it may enter G0 phase or re-enter cell cycle.

Cells of liver kidney and neuron after remaining in G1 phase for some time, come out of the cell cycle and enter to G0 phase also known as quiescent phase.

In quiescent phase the cell division stop but the other activity within the cells remain continue.

 

After the completion of G1 phase the cell cycle transits into S phase.

DNA replication is the main events that occur during S phase, some kind of histone protein is also synthesize in S phase.  Usually cell takes 5-6 hrs. to complete s phase.

After s phase the cell inter into G2 phase which is shorter lasting only 3-4 hrs.

In G2 phase the following events occur-

1.     The tubulin protein synthesize which is required for spindle formation.

2.     For plasma membrane formation certain protein are synthesized.

3.     ATP synthesis and RNA synthesis also occur during G2 phase.


The next stage is M phase. M stands for mitosis. This is where the cell actually partitions the two copies of the genetic material into the two daughter cells.

In prophase of mitosis chromatid coiling, spindle formation and disintegration of nuclear membrane occurs.

In metaphase the chromosome oriented at equatorial plane.

In anaphase the sister chromatid separate from each other and moves towards the opposite poles.

And In telophase which is the last phase of mitosis, the chromosome reach the poles and nuclear membrane reforms.

Telophase is followed by cytokinesis or the division of the cytoplasm into two daughter cells.

Check Point in Cell cycle

Activation of each phase of cell cycle is dependent on the proper progression and completion of the previous one.

The deciding point is called check point . The check point ensure the proper progression of cell cycle.

The whole cell cycle is controlled by the three check point which are-

The G1 check point at G1/S transition.

The G2 checkpoint at G2/M transition

And the M checkpoint or spindle checkpoint at the transition from metaphase to anaphase

The G1 checkpoint is the main decision point for a cell where it decide whether the cell will divide or remain suspended.

The G1 check point check all the preparation needed for a cell to enter into s phase.

The next check point is G2 check point before M phase which ensure the Proper DNA replication, and check whether M phase cyclin and cdk complex is activated to initiate mitosis.

The third check point is at the transition of Metaphase and anaphase, here the check point examine whether all the sister chromatids are correctly attached to the spindle microtubule or not.

Regulation of cell cycle

In addition to the check point there are two groups of intracellular molecules that regulates cell cycle. The two groups of proteins, called cyclins and cyclin dependent kinase are responsible for the progress of cell through the various checkpoints.