Human respiratory system anatomy and physiology

 


सबसे पहले हम ये जानेंगे की respiration क्या होता है और हमारा respiratory system किस तरीके से काम करता है। इसके बाद हम respiration मे involved organs के बारे मे बात करेंगे । और last मे ये देखेंगे की हमारा Brain breathing और respiration को कैसे regulate करता है।

दोस्तों प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। यही ऑक्सीजन cells तक पहुँच कर foods को oxidized कर ऊर्जा पैदा करती है।

Respiration एक ऐसी process है जिसके द्वारा मनुष्य environment से oxygen को लेते हैं तथा cells में कुछ chemical reaction के परिणाम स्वरुप उत्पन्न हुई carbon dioxide को बाहर निकालते हैं।

दोस्तों एक healthy adult प्रति मिनट 250ml oxygen  ग्रहण करता है तथा 200ml carbon dioxide छोड़ता है। 

दोस्तों साँस लेने के दौरान ऑक्सीजन युक्त हवा नाक और मुंह से फेफड़ों तक जाती है। साँस छोड़ने के दौरान co2  और अन्य waste उसी रास्ते से बाहर निकल जाती है। फेफड़ों में हवा को अंदर और बाहर ले जाने की इस process  को पल्मोनरी वेंटिलेशन कहा जाता है।

फेफड़ों में ऑक्सीजन alveoli के through bloodstream मे जाती है। और उसी समय कार्बन डाइ ऑक्साइड bloodstream  से एल्वियोली में आती है और lungs से excrete हो जाती है। Lungs और blood के बीच गैस exchange की इस process को external respiration कहा जाता है।

वहीं Internal respiration में गैसों का exchange कैपिलरी में flowing blood तथा tissue के बीच diffusion के माध्यम से होता है।

दोस्तों Respiratory system हमारे body मे pulmonary ventilation, external और internal respiration,olfaction और phonation को support करता है।

दोस्तों चलिए अब ये जान लेते हैं की हमारा respiratory system कैसे काम करता है।

दोस्तों respiration के मुख्य रूप से दो steps होते हैं पहला जिसमें हम सांस लेते हैं और दूसरा जब हम सांस छोड़ते हैं । जब हम सांस लेते हैं तब हमारी सांस में सिर्फ oxygen ही नहीं आता बल्कि carbon dioxide और nitrogen जैसी अन्य गैसे भी आती हैं। परंतु हमारा शरीर सिर्फ और सिर्फ oxygen गैस का use करता है और बाकी सारी गैसों को बाहर निकाल देता है।

दोस्तों  जैसे ही हम सांस लेते हैं तो हमारा डायाफ्राम नीचे की तरफ चला जाता है जिससे हमारे फेफड़ों को फैलने के लिए जगह मिल जाती है और जैसे ही lungs फैलते हैं तब हवा साइनस (Sinuses) से होती हुई pharynx तक जाती है।

दोस्तों साइनस हमारे सर में हड्डियों के बीच में एक area होता है जब हम सांस लेते हैं तब साइनस हवा के temperature को संतुलन में रखता है और हवा में present dust particle को हमारे शरीर के अंदर जाने से रोकता है।

इसके बाद हवा विंड पाइप से होती हुई हमारे फेफड़ों तक पहुंचती है। lungs  बाहरी हवा में से ऑक्सीजन absorb कर हमारे शरीर के blood में मिला देते हैं blood  द्वारा यह ऑक्सीजन tissue  तक पहुंचता और tissue द्वारा यह oxygen cells तक पहुंचता है इसके बाद cells oxygen का इस्तेमाल ऊर्जा बनाने के लिए करती हैं।

सांस छोड़ने से पहले शरीर में oxygen और carbon dioxide का exchange होता है जब कोई व्यक्ति सांस छोड़ता है तो डायाफ्राम सिकुड़ता है और फेफड़ों पर दबाव पड़ता है जिससे हवा बाहर निकल जाती है।

दोस्तों Human मे respiratory system को 3 part मे divide किया गया है।

Upper respiratory part जिसमे mouth, nose, pharynx और larynx include है।

Lower respiratory पार्ट मे windpipe यानि की trachea, lungs, bronchi, bronchioles और alveoli included है।

और तीसरा पार्ट respiratory muscle होता है जिसमे mainly diaphragm आता है इसके अलावा इसमे intercostal muscles, rib cage और abdominal muscles भी included है।

दोस्तों आइए अब respiratory system के different organs को डीटेल मे जानते हैं।

दोस्तों Nose पहला respiratory organ है जो बाहर दिखने वाले एक pair  nasal passage से शुरू होता है । यह एक बड़ी cavity के रूप में होती है जो एक पतली हड़डी व membrane के द्वारा दो भागों में divided  होती है । nasal passage में पाए जाने वाले fine hair, membrane में होने वाला blood flow, Cilia तथा mucous आपसी सहयोग से inspired air में present dust , Pollens ,को दूर कर उसे purify  करते हैं । इस purification के बाद  ही inspired air फेफड़ों में प्रवेश करती है।

दोस्तों mouth respiratory system में एक secondary organ के तौर पर कार्य करता है । वैसे तो श्वास लेने में मुख्य भूमिका nostrils की होती है परन्तु आवश्यकता होने पर mouth भी श्वास लेने के काम आता है ।

दोस्तों Respiratory System  में air के लिए nasal cavities  के पीछे  Larynx  तक तथा foods  के लिए mouth  से esophagus  तक का muscular tract  Pharynx कहलाता है।

दोस्तों pharynx  के तीन भाग होते हैं

पहला Nasopharynx जो की nostrils के ठीक पीछे रहता  है।  इसकी पिछली दीवार पर लिम्फाइड टिशू  होते हैं। जिन्हें फैरिंजियल टॉन्सिल्स या adenoids कहा जाता है। कभी-कभी यह tissue  बढ़कर pharynx में रूकावट पैदा कर देते हैं जिससे बच्चे मुंह से साँस लेने लगते हैं।

दोस्तों Oropharynx pharynx का mouth part होता है।

Laryngopharynx pharynx का posterior part होता है है जो hyoid bone से larynx के पीछे तक रहता है । Pharynx के इसी भाग से respiratory system और digestive system अलग-अलग हो जाता है। आगे की ओर से air larynx में जाती है और foods पीछे की ओर से इसोफेगस में जाता है । 

दोस्तों larynx,  pharynx और trachea को जोड़ने वाली एक छोटी सी structure है । यह 9 types की cartilage से मिल कर बना है । foodsको निगलने के दौरान एपिग्लॉटिस larynx के , covering  के तौर पर कार्य करती है तथा foods  को larynx में जाने से रोकती है ।

दोस्तों  larynx में Vocal cord  नाम का एक special structure पाई जाती है । vocal cord mucous membrane होती है जो हवा के बहाव से vibration पैदा कर अलग - अलग तरह की sound produce करती हैं।

दोस्तों lower respiratory organ मे सबसे पहला structure trachea है । इसे Wind Pipe भी कहते हैं। यह एक cylindrical tube होती है। इसकी लम्बाई 10 सेमी होती है। और इसमें 16-20 cartilage के incomplete रिंग होते हैं।

दोस्तों trachea अंत में दायीं और बाँयी ओर की bronchi में divide होती है । primary bronchi फेफड़ों में जाकर छोटी branch में बंट जाती हैं, जिसे secondary bronchi कहते हैं। जो further tertiary bronchi मे डिवाइड होती है। प्रत्येक tertiary bronchi छोटी – छोटी ब्रोन्किओल में बंट जाती है । ये ब्रोन्क्रिओल फेफड़ो में फैले रहते हैं । हर ब्रोन्किओल आगे चल के छोटी Terminal ब्रोन्किओल में divide होती है ।

Bronchi और bronchioles मिल कर एक tree like structure बनाते है जो बहुत सी branch में divide होती है । इन branch के अंतिम छोर पर Alveoli पाए जाते है । गैसो का exchange इन alveoli के माध्यम से ही होता है।

दोस्तों lungs flexible, soft और light pink color के होते है । ये एक pair के रूप में शरीर के Thoracic region में दांए व बांए भाग में diaphragm के ठीक ऊपर होते हैं ।

Right lung, left lung से लंबाई में थोड़ा छोटा पर कुछ अधिक चौडा होता है । दोस्तों left lung दो Lobes और right lungs तीन lobes में divide होता है ।

प्रत्येक lung spongy tissue से बना होता है जिसमें कई Capillaries तथा करीब 30 मिलियन alveoli पाई जाती है ।

दोस्तों lungs का main function environment से ऑक्सीजन लेकर उसे blood circulation में प्रवाहित करना और blood से कार्बन डाई ऑक्साइड को absorb  कर उसे environment में छोड़ना है। गैसों का यह exchange alveoli मे होता है।

3. श्वसन माँसपेशियाँ

दोस्तों lungs में गैस exchange के लिए कुछ muscles की आवश्यकता होती है । ये muscles श्वास को लेने व छोड़ने में मदद करती है । मुख्य रूप से breathing के लिए डायफ्राम होता है ।

दोस्तों Diaphragm, skeletal muscle से बनी हुई एक पलली चादरनुमा structure है जो thoracic site की सतह पर पाई जाती है । diaphragm के contraction से air nostril से होती हुई lungs के अंदर enter होती है। और diaphragm के relaxation से air lungs के बाहर निकलती है । इसके अतिरिक्त ribs में Inter Coastal Muscles पाई जाती है जो diaphragm के contraction और relaxation में मदद करती हैं

दोस्तों आइए अब ये जानते है की हमारा brain किस प्रकार breathing को control करता है। 

दोस्तों respiration एक involuntary function है। pons और medulla oblongata द्वारा निकला nerve impulse respiration रेट को कंट्रोल करता है।

दोस्तों एक adult मे normal breathing rate 12-15 breath per minute होता है। metabolic needs के according हमारा body breathing rate को adjust करता है। जब हमारा सरीर अधिक आक्सिजन का use करता है या हमरे ब्लड मे बहुत अधिक co2 रहता है तो हमारे blood मे present chemoreceptors brain को signal भेजता है और हमारा breathing rate बढ़ जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा gas का exchange हो सके।

इसके अलावा छींकने और खांसने जैसी हरकतें भी थोड़े समय के लिए सांस लेने के पैटर्न को बदल सकती हैं।

 

DNA fingerprinting

 


आज के इस विडिओ मे हम ये जानेंगे की DNA Fingerprinting क्या होता है। dna fingerprinting कैसे किया जाता है। साथ मे DNA fingerprinting technique के use के बारे मे भी बात करेंगे।

दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की dna किसी भी living organism का Hereditary material है जो उसकी cell के chromosome मे पाया जाता है।

DNA का use कर आनुवंशिक रूप से किसी की पहचान करना ही DNA fingerprinting या DNA profiling कहलाता है।  

इस process मे किसी व्यक्ति के different components जैसे की hair  saliva, sperm, blood से उसके dna को collect किया जाता है और उसकी पहचान ensure की जाती है।

चूंकि प्रत्येक human मे पाई जाने वाली dna structure एक समान नहीं होती अतः किसी प्राप्त dna sample से original person का सटीकता से पता लगाया जा सकता है।

गौतलब है की लगभग 99.9% dna सभी व्यक्तियों मे एक समान होती है। इसे bulk dna कहा जाता है इसका function सभी human मे समान होता है जो प्रोटीन का निर्माण करता है ताकि शारीरिक क्रिया सुचारु रूप से चल सके ।

वहीं बचा  0.1% Dna प्रत्येक मनुष्य को एक unique identity उपलब्ध करवाता है। इसे junk dna या satellite dna भी कहा जाता है। यह dna किसी भी प्रकार के प्रोटीन का निर्माण नहीं करता। इस dna मे किसी विशेष sequence की repetition होती है जिसे Variable Number of tandem repeats कहा जाता है।

 

चलिए दोस्तों अब dna fingerprinting technique के steps को समझ लेते हैं।

1.  DNA fingerprinting technique के स्टेप मे सबसे पहले cell से DNA को अलग किया जाता है। किसी भी cell या tissue जैसे की blood saliva hair या semen से DNA प्राप्त किया जा सकता है। dna की मात्रा कम होने की स्थिति मे pcr technique का use कर इसकी मात्रा कई गुना तक बढ़ाई जाती है। अगर आप pcr technique के बारे मे detail मे जानना चाहते हैं तो ऊपर I button को click कर आप हमारा वो विडिओ भी देख सकते हैं। 

 

2.  DNA fingerprinting के दूसरे step मे DNA को टुकरों मे बिभाजित किया जाता है। DNA strand के अत्यधिक लंबे होने के कारण प्राप्त DNA काफी चिपचिपा होता है। इस step मे एक restriction enzyme के मदद से Dna को निश्चित स्थान से काट कर VNTRs को अलग कर लिया जाता है।

3.  अगले step मे gel electrophoresis के help से प्राप्त vntrs को आकार के आधार पर arrange किया जाता है। electrophoresis एक technique है जिसमे electrolyte solution मे उपस्थित 2 electric pole के बीच  विधयुत प्रवाहित की जाती है। इसके परिणामस्वरूप solution मे उपस्थित charged particle मे maas के अनुसार प्रवाह होने लगता है।

4.  Fourth step मे dna band pattern को southern blot technique के help से nylon membrane या nitrocellulose पर Transferred किया जाता है।  

5.  इसके बाद radiolabeled molecule जो की प्राप्त genome के compliment होते हैं उसे vntrs से जोरा जाता है तथा extra radiolabeled molecule को पानी द्वारा हटा दिया जाता है।

दोस्तों आइए इसे एक example से समझते हैं मान लीजिए कोई व्यक्ति a किसी अपराध को अंजाम देता है तथा घटनास्थल की जांच करने पर a का blood प्राप्त होता है। अब प्राप्त blood से dna को अलग किया जाएगा तथा उस dna से एक single stranded dna तैयार किया जाएगा। इस single stranded dna को ही probe कहा जाता है।

इसके बाद suspected person जिनमे व्यक्ति a भी शामिल है उनके dna सैम्पल को तैयार किए गए single stranded dna से मिलाया जाता है। जो अंत मे criminal के dna से पूर्ण रूप से मिल जाता है।

हालांकि रिजल्ट को देखने के लिए x ray फिल्म का use किया जाता है जिसके बारे मे next step मे बताया गया है।

Dna fingerprinting process के last स्टेप मे nylon sheet पर x ray film को डालकर छोर दिया जाता है। जिससे x ray film पर उन dna sequence के निशान प्राप्त होते हैं जिनसे जाकर radiolabeled molecule जुड़े थे । प्राप्त sequence ही dna fingerprint है।

 

DNA fingerprint का use किसी बच्चे के माता पिता का पता लगाने किसी क्राइम site से प्राप्त sample के आधार पर अपराधी को पहचानने मे किसी accident मे dead bodies को identify करने मे किया जाता है। 

 

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको इस video मे दी गई जानकारी समझ मे आ गई होगी। दोस्तों इस विडिओ से related अगर कोई question हो तो आप comment कर पूछ सकते हैं।

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