DNA fingerprinting

 


आज के इस विडिओ मे हम ये जानेंगे की DNA Fingerprinting क्या होता है। dna fingerprinting कैसे किया जाता है। साथ मे DNA fingerprinting technique के use के बारे मे भी बात करेंगे।

दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की dna किसी भी living organism का Hereditary material है जो उसकी cell के chromosome मे पाया जाता है।

DNA का use कर आनुवंशिक रूप से किसी की पहचान करना ही DNA fingerprinting या DNA profiling कहलाता है।  

इस process मे किसी व्यक्ति के different components जैसे की hair  saliva, sperm, blood से उसके dna को collect किया जाता है और उसकी पहचान ensure की जाती है।

चूंकि प्रत्येक human मे पाई जाने वाली dna structure एक समान नहीं होती अतः किसी प्राप्त dna sample से original person का सटीकता से पता लगाया जा सकता है।

गौतलब है की लगभग 99.9% dna सभी व्यक्तियों मे एक समान होती है। इसे bulk dna कहा जाता है इसका function सभी human मे समान होता है जो प्रोटीन का निर्माण करता है ताकि शारीरिक क्रिया सुचारु रूप से चल सके ।

वहीं बचा  0.1% Dna प्रत्येक मनुष्य को एक unique identity उपलब्ध करवाता है। इसे junk dna या satellite dna भी कहा जाता है। यह dna किसी भी प्रकार के प्रोटीन का निर्माण नहीं करता। इस dna मे किसी विशेष sequence की repetition होती है जिसे Variable Number of tandem repeats कहा जाता है।

 

चलिए दोस्तों अब dna fingerprinting technique के steps को समझ लेते हैं।

1.  DNA fingerprinting technique के स्टेप मे सबसे पहले cell से DNA को अलग किया जाता है। किसी भी cell या tissue जैसे की blood saliva hair या semen से DNA प्राप्त किया जा सकता है। dna की मात्रा कम होने की स्थिति मे pcr technique का use कर इसकी मात्रा कई गुना तक बढ़ाई जाती है। अगर आप pcr technique के बारे मे detail मे जानना चाहते हैं तो ऊपर I button को click कर आप हमारा वो विडिओ भी देख सकते हैं। 

 

2.  DNA fingerprinting के दूसरे step मे DNA को टुकरों मे बिभाजित किया जाता है। DNA strand के अत्यधिक लंबे होने के कारण प्राप्त DNA काफी चिपचिपा होता है। इस step मे एक restriction enzyme के मदद से Dna को निश्चित स्थान से काट कर VNTRs को अलग कर लिया जाता है।

3.  अगले step मे gel electrophoresis के help से प्राप्त vntrs को आकार के आधार पर arrange किया जाता है। electrophoresis एक technique है जिसमे electrolyte solution मे उपस्थित 2 electric pole के बीच  विधयुत प्रवाहित की जाती है। इसके परिणामस्वरूप solution मे उपस्थित charged particle मे maas के अनुसार प्रवाह होने लगता है।

4.  Fourth step मे dna band pattern को southern blot technique के help से nylon membrane या nitrocellulose पर Transferred किया जाता है।  

5.  इसके बाद radiolabeled molecule जो की प्राप्त genome के compliment होते हैं उसे vntrs से जोरा जाता है तथा extra radiolabeled molecule को पानी द्वारा हटा दिया जाता है।

दोस्तों आइए इसे एक example से समझते हैं मान लीजिए कोई व्यक्ति a किसी अपराध को अंजाम देता है तथा घटनास्थल की जांच करने पर a का blood प्राप्त होता है। अब प्राप्त blood से dna को अलग किया जाएगा तथा उस dna से एक single stranded dna तैयार किया जाएगा। इस single stranded dna को ही probe कहा जाता है।

इसके बाद suspected person जिनमे व्यक्ति a भी शामिल है उनके dna सैम्पल को तैयार किए गए single stranded dna से मिलाया जाता है। जो अंत मे criminal के dna से पूर्ण रूप से मिल जाता है।

हालांकि रिजल्ट को देखने के लिए x ray फिल्म का use किया जाता है जिसके बारे मे next step मे बताया गया है।

Dna fingerprinting process के last स्टेप मे nylon sheet पर x ray film को डालकर छोर दिया जाता है। जिससे x ray film पर उन dna sequence के निशान प्राप्त होते हैं जिनसे जाकर radiolabeled molecule जुड़े थे । प्राप्त sequence ही dna fingerprint है।

 

DNA fingerprint का use किसी बच्चे के माता पिता का पता लगाने किसी क्राइम site से प्राप्त sample के आधार पर अपराधी को पहचानने मे किसी accident मे dead bodies को identify करने मे किया जाता है। 

 

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको इस video मे दी गई जानकारी समझ मे आ गई होगी। दोस्तों इस विडिओ से related अगर कोई question हो तो आप comment कर पूछ सकते हैं।

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Bone Fracture and its type

 

 

दोस्तों हड्डी टूटने को medical भाषा मे bone fracture कहा जाता है। दोस्तों यह एक medical condition है और यह तब होती है जब शरीर की किसी हड्डी या उसकी बनावट मे crack  पर जाती है और वह टूट या कट जाती है।

दोस्तों ज़्यादातर bone मे fracture हड्डियों पर excess pressure या stress परने से होता है। इसके अलावा कुछ और medical condition भी है, जो bone को week बनाती है, और उनके टूटने का कारण बनती है।osteoporosis कुछ प्रकार के cancer,या osteogenesis imperfect जैसे medical condition मे bone weak हो जाती है।

दोस्तों आइये अब ये जानते हैं की हड्डियों मे fracture क्यू होता है।

दोस्तों वैसे तो हमारी bone काफी मजबूत होती है और यह इस तरह से design होती है की गिरने या accident जैसी situation मे यह pressure झेल लेती है। पर age बढ्ने के साथ साथ bone weak हो जाती है और अधिक दबाब नहीं झेल पाती जिससे bone मे fracture हो जाती है।

इसके अलावा चोट लगने के कारण, किसी ऊंचाई से गिरने के कारण या osteoporosis भी bone fracture का कारण हो सकता है।

 

दोस्तों bone में फ्रैक्चर होने के कई तरीके है, जैसे वह हड्डी का टूटना जिससे आसपास की skin और टिश्यू को कोई नुकसान नहीं पहुँचता वह फ्रैक्चर Closed Fracture कहलाता है और जिस फ्रैक्चर से त्वचा और आसपास की टिश्यू को भी गंभीर नुकसान पहुँचता है वह Compound Fracture या Open Fracture कहलाता है।

कंपाउंड फ्रैक्चर सिंपल फ्रैक्चर से ज्यादा serious और खतरनाक होते है।

इसके अलावा कई और type के bone fracture हो सकते हैं जैसे की सिम्पल fracture जिसमे शरीर की कोई हड्डी 2 टुकड़ो मे टूट जाती है, वहीं spiral fracture मे किसी object या machine के कारण bone मे घुमाव आ जाता है।

Compression fracture तब होता है जब bones किसी दबाब या बल के प्रभाव मे आकार crush हो जाए।

दोस्तों Comminuted fracture किसी प्रकार के accident या चोट लगने के कारण होती है इस तरह के fracture मे bone 3 या उससे अधिक भागो मे टूट जाती है।

Greenstick fracture आमतौर पर बच्चो मे होता है यह fracture तब होता है जब किसी प्रकार की दबाब के कारण हड्डी एक तरफ से मुड़ती है और उसके कारण से दूसरे तरफ से टूट जाती है।

Avulsion fracture तब होता है जब किसी हड्डी के खिचे जाने से हड्डी से जुड़े tendons और ligaments हड्डी से अलग हो जाए या उसमे टूट फुट हो जाए।

दोस्तों Impacted fracture मे bone का एक टुकड़ा दूसरी हड्डी के अंदर चला जाता है।

Intraarticular fracture मे joint की सतह पर fracture आ जाता है। तो वहीं dislocation टाइप ऑफ fracture मे bone का joints dislocate हो जाता है और उसमे से ही एक bone मे fracture हो जाता है।

दोस्तों हड्डी मे fracture के लक्षण व संकेत patient के age health चोट की गंभीरता के अनुसार दिखाई देते है।

दोस्तों अगर आपकी हड्डी मे fracture है तो आपको हड्डी या उसके आस पास की जगह मे काफी दर्द महसूस हो सकता है, और साथ ही सूजन भी आ सकती है।

दोस्तों अगर आपके हाथों या पैरों की किसी हड्डी मे fracture हुआ है तो वह अंग किसी एक तरफ असमान्य रूप से मुड़ा हुआ दिखाई दे सकता है। fracture वाली हड्डी की ऊपरी स्किन नीली हो सकती है और blood भी निकाल सकता है। अगर compound fracture है तो हड्डी का कोई टुकड़ा skin से बाहर निकला हुआ दिखाई दे सकता है और वाहा एक बरा घाव बन सकता है। 

दोस्तों bones को healthy रखने के लिए आपको calcium और vitamin D युक्त खाना खाना चाहिए calcium के लिए आप दूध दही पनीर अंडा और हरी पत्तीदार सब्जी ले सकते हैं।

और हर उम्र के लोगो के लिए यह भी जरूरी है की आप regular healthy activity को maintain रखे और इसके लिए आप walking , dancing, jumping और other exercise कर सकते हैं।  

दोस्तों उम्मीद करता हूँ इस video मे दी गई सारी जानकारी आपको समझ मे आ गई होगी।

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